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एक नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावना को कैसे बढ़ाएं

विशेषज्ञों द्वारा सुझाये गए टिप्स और निर्देशों द्वारा अपने नॉर्मल डिलीवरी के संभावनाओं को बढ़ाने के लिए असरदार कार्यनीतियों को सीखें। 
 

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Dr. Monika Meena

महत्वपूर्ण बातें

शिशु जन्म को समझें और डर कम करें

स्वयं को प्रसव के पहले ली जाने वाले प्रोग्राम के माध्यम से शिक्षित करें ताकि आपका डर कम हो और आपके डिलीवरी का अनुभव बेहतर हो।

गर्भधारण के दौरान सक्रीय (एक्टिव) रहे

योनि जन्म की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए प्रसूति पूर्व व्यायाम शुरू करें।

पूर्ण अवधि गर्भधारण का लक्ष्य रखें

सुरक्षित डिलीवरी के लिए सुनिश्चित करें कि आपका शिशु पूर्ण अवधि (37-42 हफ्ते) तक गर्भ में रहे।

असरदार प्रसव प्रबंधन का अभ्यास करें

सहजतापूर्वक प्रसव बढ़ाने के लिए ऑक्सीटोसिन और अमनीओटॉमी जैसे तरीकों को आज़माएं।

मैटरनल पोजिशनिंग का इस्तेमाल करें

प्रसव के दूसरे चरण में उन पोज़िशन्स का उपयोग करें जिससे सामान्य जन्म होने में मदद मिलती है।

In this article

  • नॉर्मल डिलीवरी को समझें
  • 9वें माह में नॉर्मल डिलीवरी के लिए टिप्स
  • व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां
  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करना चाहिए
  • एक सहायक वातावरण बनाएं
  • अपने देखभाल की टीम के साथ काम करें

क्या आप जानते हैं कि सांख्यिकी रूप से ज्ञान के अभाव में 33 % महिलाएं योनि जन्म के बजाय सी-सेक्शन से जन्म देती हैं ? तो यदि आप सोच रहे हैं कि क्या आपका नॉर्मल डिलीवरी हो सकता है, तो आप सही जगह पर आएं हैं। यह हर किसी के लिए सही विकल्प नहीं होगा पर आप इन आसान टिप्स के माध्यम से योनि जन्म की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं। 

नॉर्मल डिलीवरी को समझें 

योनि जन्म या नॉर्मल डिलीवरी कुछ नहीं है, बस एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमे शिशु का जन्म योनि से होता है और इसमें किसी भी सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। यह साधारणतः गर्भधारण के 37 से 42 वें हफ्ते के बीच होता है। योनि जन्म देने के लिए ,आपके सर्विक्स का अच्छे से खुलना ज़रूरी है। जब बच्चेदानी में संकुचन होता है, तब सर्विक्स डायलेशन (सर्विक्स का फैलाव ) शुरू होता है। योनि जन्म के लिए सर्विक्स का कम से कम 10 सेंटीमीटर तक फैलना ज़रूरी है। 


कई गर्भवती महिलाएं एक सी-सेक्शन के मुकाबले नॉर्मल डिलीवरी कराना पसंद करती हैं क्यूंकि इनमे जटिलताओं की संभावनाएं कम होती है। एक नॉर्मल डिलीवरी करने वाली महिलाओं को रिकवरी के लिए कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक का ही समय लगता है ,जबकि एक सी-सेक्शन करवाने वाली महिला को कम से कम 6 हफ़्तों तक आराम करने की ज़रूरत होती है। एक सी-सेक्शन डिलीवरी के दौरान हालांकि कम दर्द होता है, पर असल मुश्किल सर्जरी के बाद आती है। 

9वें माह में नॉर्मल डिलीवरी के लिए टिप्स

गर्भधारण का 9वां महीना, तीसरी तिमाही का आखिरी चरण होता है। अगर आप अपने नियत तिथि (ड्यू-डेट) के आसपास हैं ,तो आप भी अपने डिलीवरी के बारे में सोच रहे होंगे। आप इस बारे में चिंता भी कर रहे होंगे। हालांकि यह बहुत आम बात है और समझी जा सकती है, पर फिर भी आपको खुद को शांत रखना चाहिए। यहां 9वें महीने में नॉर्मल डिलीवरी के लिए कुछ टिप्स दिए गए हैं, जिससे आप उस ख़ास दिन के लिए तैयार हो सकें।

अपने नियमित प्रसवपूर्व योग को जारी रखें जिससे कि कमर दर्द और टखनों पर दर्द की परेशानी न हो। साथ ही,उकडू बैठने से आपके पेल्विक मांसपेशियों में मज़बूती आती है। 
 

तीसरे तिमाही में संतुलित आहार खाने से, अच्छी नींद लेने से और हाइड्रेटेड रहने से (अधिक पेय पदार्थ के सेवन से ) आपके सेहत पर अच्छा असर दिख सकता है। 
 

नॉर्मल डिलीवरी की प्रक्रिया के बारे में जानें और खुदको मानसिक रूप से तैयार करें। बर्थ क्लासेस भी इसमें आपकी सहायता कर सकती है। 
प्रसव की कहानियां सुनने से बचें जिससे कि तनाव उत्पन्न हो सकता है और अपने परिवार के साथ खुशहाल समय बिताएं। 
 

आहार और पोषण

नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक पौष्टिक आहार सबसे अहम् चीज़ होता है। अपने गर्भधारण के दौरान इन टिप्स का पालन करें।

  • अपने गर्भावस्था की लालसा को पूरी करने के लिए अनेक प्रकार के व्यंजन खाएं। 
     
  • फोलिक एसिड और आयरन की दवाइयों जैसे पूरक आहार (सप्लीमेंट्स) लेने के अलावा,सम्पूर्ण पोषण लेने पर ध्यान दें। 
     
  • ओट्स,क्विनोआ और ब्राउन चावल जैसे अनाजों को अपने आहार में शामिल करें जिससे कि आपके ऊर्जा का स्तर बढ़ जाये। 
     
  • एक स्वस्थ गर्भावस्था के लिए विटामिन सी और विटामिन बी 12 से भरपूर आहार लें। 
     
  • कैल्शियम से भरपूर आहार आपके मांसपेशियों की मजबूती के लिए आवश्यक है,जो आपके नॉर्मल डिलीवरी में सहायता करती है। 
     
  • पैकेज्ड, शक्कर मात्रा में अधिक और प्रोसेस किया हुआ जंक आहार का सेवन, कम से कम करें। 
     
  • शिशु के बुद्धि के विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार शामिल करें। 
     
  • गर्भावस्था के आखिरी माह में खजूर खाने से आपके प्रसव की अवधि कम हो सकती है। 

     

व्यायाम और शारीरिक गतिविधियां 

यह एक भ्रम है कि अत्यधिक शारीरिक काम और व्यायाम करने से शिशु के विकास में हानि पहुँचती है। पर असल में, एक नॉर्मल डिलीवरी के लिए एक सामान्य शारीरिक गतिविधि होना आवश्यक है। तैराकी करना,उकडू बैठना,सैर पर जाने और प्रसव पूर्व योग करने से आपको डिलीवरी के दौरान स्वस्थ और सतर्क रहने में मदद मिलती है। 


प्रमाण बताते हैं कि वे गर्भवती महिलाएं जो किसी प्रकार के शारीरिक गतिविधियों में लगी होती हैं ,उन्हें प्रसव के बाद कम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम जैसे कि पेल्विक-फ्लोर व्यायाम से आपको प्रसव के दौरान बच्चे को नीचे धकेलने में मदद मिलती है। हालांकि, आपको धीरे-धीरे आरामदायक पोजीशन पर व्यायाम करने की शुरुआत करनी चाहिए।

आपके शरीर को व्यायाम के लिए तैयार करें

अपने शरीर को शिशु जन्म के लिए तैयार करना एक आरामदेह,अधिक आसान और जल्द रिकवरी के लिए महत्वपूर्ण है। शारीरिक स्वास्थ पर ध्यान देने से मजबूती,लचीलेपन में सुधार और स्फूर्ति में बढ़ौतरी होती है, जो प्रसव के दौरान बहुत ज़रूरी होता है। यह आपके उलझनों के जोखिम को कम करता है और प्रसवोत्तर  रिकवरी के लिए सहायक होता है। यहां आपके शरीर को मजबूती देने के लिए और शिशु जन्म के चुनौतियों के लिए आपको तैयार करने के लिए कुछ आवश्यक व्यायाम बताये गए हैं, जिससे कि आप आगे के सफर के लिए तैयार रहे।

किगल व्यायाम

नॉर्मल डिलीवरी की परिस्थिति में ,पेल्विक मासपेशियां एक अहम् भूमिका निभाती है। इसीलिए,गर्भवती महिलाओं को नियमित व्यायाम से अपने पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करने की आवश्यकता होती है। किगल व्यायाम इन मांसपेशियों को मजबूत करने में बहुत मदद करते हैं। कीगल्स करने के लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप सोचें कि आप मार्बल पर बैठे हैं और अपने पेल्विक मांसपेशियों को उठाने के लिए कस रहे हो। यह ध्यान में रखें कि मांसपेशियों को कस कर तुरंत ढीला छोड़ें। यही प्रक्रिया दिन में कम से कम तीन बार दोहराएं। जब आप किगल कर रहे हो ,तब अपने पेट के मांसपेशियों को लेकर सतर्क रहे और यदि आपको असहज महसूस हो,तो तुरंत व्यायाम रोक दें। 

पेरिनियल  मालिश

पेरिनियल मालिश से आपके योनि के आसपास की मासपेशियां मजबूत होती है, जो प्रसव के दौरान आपके लिए काफी लाभदायक होती है। बताने की ज़रूरत नहीं है कि आपको इससे काफी आराम भी महसूस होगा। यह मालिश आप अपने साथी की मदद से भी कर सकते हैं। वह अपने अंगूठे की बजाय अपने सूचक ऊँगली का इस्तेमाल करके मालिश कर सकते हैं। यदि आप यह स्वयं ही कर रही हो,तो आप सुविधा के लिए अपने अंगूठे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप अपने अंगूठे को योनि के पिछले सतह के अंदर रख सकते हैं और अपने पेरिनियम की तरफ नीचे की ओर दबाव डाल सकते हैं। यदि आपको इसमें असज महसूस हो या दर्द हो,तो तुरंत रुक जाएं। 

नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या करना चाहिए 

एक नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाने के लिए ,आप इन टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं :

अपने प्रिय लोगों के साथ बिताए अच्छे वक़्त के बारे में सोचकर अपने तनाव का स्तर कम करें। अपने गर्भावस्था के दौरान एक शांत मन होना बहुत आवश्यक है। 
 

  • अपने आसपास सकारात्मक लोगों को रखें और नकारात्मक परिस्थितियों से बचें जिससे आपको असहज महसूस हो। 
     
  • जंक आहार और अस्वास्थ्कर पैकेज आहार की बजाय पौष्टिक आहार का चयन करें। 
     
  • व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान दें। पर यह अपनी सुविधा अनुसार करें। 
     
  • शिशु के नॉर्मल डिलीवरी के लिए मानसिक रूप से तैयार रहे और जन्म देने की प्रक्रिया के बारे में सब कुछ जान लें। इसके लिए,आप शिशु जन्म के क्लासेस ले सकते हैं और नॉर्मल शिशु जन्म के लिए अनुभवी माताओं से ज़रूरी जानकारी इकठ्ठा करें। 
     
  • गर्भावस्था के दौरान अच्छी नींद होना बहुत ज़रूरी है। अच्छे से पर्याप्त मात्रा में नींद लें ताकि आपके शिशु के आगमन तक आप अच्छे से तैयार रहे। 
     
  • साथ ही, अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क में रहे और अपने स्वास्थ सम्बंधित जानकारी उनको देते रहे। 
     
  • और आखिर में, बहुत सारा पानी पिएं।  याद रखें,आपके शिशु को भी इसकी ज़रूरत है।

प्रसव के दौरान एक्टिव (सक्रिय) रहे और सीधा रहे

एक नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रसव के दौरान एक्टिव रहना बहुत आवश्यक है। प्रसव के दौरान,आपको बेहतर नतीजों के लिए सीधे पोजीशन में रहना चाहिए। जब माँ सीधे पोजीशन में होती है ,तो शिशु को आराम से नियमित ऑक्सीजन मिलते रहती है। यह पोजीशन शिशु जन्म के लिए एक आरामदेह गति प्रदान करती है। साथ ही, झूलने वाली कुर्सी की सहायता से गर्भवती महिलाओं को सीधे पोजीशन में रहने में मदद मिलती है। जब आप प्रसव के दौरान एक्टिव और सीधे रहते हैं तो आपका प्रसव काल कम समय के लिए होता है। और आपको एपीड्यूरल की आवश्यकता भी शायद नहीं पड़ेगी। प्रसव के पहले, आपको कक्ष में थोड़ा टहलना चाहिए ताकि बच्चा योनि के निकट आ पाए। 
 

श्वास की प्रक्रियाएं और विश्राम

प्रसव के दौरान तनाव और घबराहट महसूस करना आम बात है। पर यह श्वास व्यायाम और विश्राम प्रक्रियाओं से आपको शिशु के आगमन पर शांत रहने में मदद मिलेगी।

  1. सांस लेते वक़्त अपने फेफड़ों को फुलाएं ,सांस रोकें और धीरे से छोड़ दें। 
     
  2. पेट के दीवारों को फैलाने के लिए पेट से सांस लेना भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। याद रखें कि इस प्रक्रिया को करते वक़्त अपना मुँह बंद रखें। 
     
  3. अपने हाथों को रीढ़ (रिब केज )पर रखते हुए , लगातार सांस लेते और छोड़ते हुए फेफड़ों से सांस लेने की प्रक्रिया जारी रखें। 
     
  4. अपने मुँह को खोलें और जल्दी-जल्दी ,छोटी छोटी सांस लें। इस प्रक्रिया को पैन्टिन्ग प्रक्रिया कहा जाता है क्यूंकि यह एक कुत्ते के हांफने (पैन्टिन्ग )जैसा ही लगता है। 

एक सहायक वातावरण बनाएं

एक नए जीवन के स्वागत के लिए एक देखभाल करने वाला पति और सहायता करने वाले परिवार के सदस्यों का होना बहुत आवश्यक है। गर्भावस्था और प्रसव, एक सहायक परिवार और किसी साथी के बिना कभी भी आसान नहीं होता है। साथ ही, प्रसव के दौरान एक सहायक वातावरण बनाना भी बहुत आवश्यक है। अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ,नर्सों और अन्य सहायक कर्मचारियों से अच्छे सम्बन्ध बनाएं। अपने प्रसव की शुरुआत से पहले, अपने संदेहों को दूर कर लें और शिशु जन्म के दौरान आश्वस्त रहे। जब आपके पास एक सहायक समूह होता है तो सामान्य शिशु-जन्म में आसानी होगी। 

अपने देखभाल की टीम के साथ काम करें

आपके सामान्य शिशु जन्म का अनुभव आपके देखभाल के टीम पर निर्भर करता है। इसलिए आपके आसपास एक अच्छी टीम का होना महत्वपूर्ण है। आदर्श रूप से, गर्भधारण करते ही आपको इन्हे ढूंढ लेना चाहिए।  आपके देखभाल करने वाली टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ,नर्स,फ़िज़ियोथेरेपिस्ट और बच्चे के देखभाल के लिए शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे। एक अच्छी टीम से आपको गर्भावस्था के दौरान सही मार्गदर्शन मिलता रहेगा। 

FAQ's

एक सामान्य जन्म क्या होता है ?

एक सामान्य या योनि जन्म ,बच्चे को जन्म देने की प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसमें सी-सेक्शन के जैसे किसी सर्जरी की प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती है।

डिलीवरी के लिए अस्पताल जाने का सही समय क्या है ?

जब आपको लगातार पेट में संकुचन होता है जो कम से कम 60-90 सेकंड तक सक्रीय रहता है ,तो आप प्रसव में जाने के लिए तैयार हैं। अगर आपका पानी निकल जाता है तो भी यह संकेत है कि अब आपको जाना चाहिए।

एक नॉर्मल डिलीवरी के लिए कितना समय लगता है?

अगर आप पहली बार माँ बन रही हैं तो आपको शिशु के डिलीवरी के लिए 6 से 18 घंटे तक का समय लग सकता है। प्रसव के पूर्व की पीड़ा शिशु के जन्म के 36 घंटे पहले शुरू हो सकती है।

क्या सामान्य जन्म देना दर्दनाक होता है ?

हाँ, सामान्य जन्म देने में संकुचन और धकेलने की प्रक्रिया में अधिक दर्द है पर दर्द से मुक्ति के विकल्प जैसे एपीड्यूरल भी मदद कर सकता है।

सामान्य जन्म के फायदे क्या हैं ?

सामान्य जन्म से आपको त्वरित रिकवरी,कम जटिलताएं और शिशु से सम्बन्ध तुरंत त्वचा से स्पर्श कराना स्वाभाविक है।