इस चूर्ण में सोंठ, कुटकी, मेथी, अश्वगंधा तथा सुरंजना (मीठी) होती है, जो पेट की सभी समस्याओं का सबसे अच्छा इलाज है। आमवात तब होता है, जब पेट में गैसें इकट्ठी हो जाती हैं, जिससे जोड़ों में दर्द होता है। ऐसे रोगों में यह चूर्ण बहुत लाभकारी होता है। विभिन्न जड़ी-बूटियों तथा आयुर्वेदिक महत्व की अन्य सामग्रियों को परिष्कृत करके चूर्ण बनाया जाता है।
क्षार, लवण तथा अम्ल मिश्रित चूर्ण गर्म प्रकृति का, सुपाच्य, रुचिकारक तथा भूख बढ़ाने वाला होता है। मिश्री या मिश्री मिश्रित चूर्ण विरेचन गुण से भरपूर, शीतल तथा पित्तशामक होते हैं, जबकि कड़वी चीजों से बने चूर्ण ज्वर तथा कफ को ठीक करते हैं। जड़ी-बूटियों को सुखाकर बारीक पीसकर बनाई गई औषधियों को आयुर्वेद में 'चूर्ण' कहा जाता है।